वामपंथी इतिहासकारों ने इतिहास को लिखा नहीं है, उसे अपनी इच्छानुसार ‘गढ़ा’ है l नालंदा बौद्ध विहारों की क्षति में हिन्दुओं का हाथ दिखा देने के लिए और तुर्क आक्रमणकारियों पर पर्दा डाल देने के लिए क्या क्या फरेब नहीं किये गए... आगे पढ़िए... 

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