संसार के किसी भी देश में पन्थ, मजहब के आधार पर पृथक- पृथक कानून नहीं होते, बल्कि सभी नागरिकों के लिए एक समान व्यवस्था व कानून होते हैं। सिर्फ भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जिसमें अल्पसंख्यक वर्गों के लिए वैयक्तिक अर्थात पर्सनल कानून बने हुए हैं, जबकि देश का संविधान अनुच्छेद 15 के अनुसार धर्म, लिंग, क्षेत्र व भाषा आदि के आधार पर समाज में भेदभाव नहीं करता और सभी के लिए एक समान व्यवस्था व कानून सुनिश्चित करने की बात करता है।

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भारत में बाबा साहब आंबेडकर के नाम पर कई राजनैतिक और सामाजिक “दुकानों” ने अपने-अपने अर्थों के अनुसार “स्टॉल” लगाए हैं, तथा बाबासाहब के आदर्शों, उनके कथनों एवं उनके तथ्यों को तोड़मरोड़ कर उनकी दुकानदारी के अनुसार जनता के सामने पेश किया है.

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