भारत के इतिहास में ऐसे-ऐसे योद्धा हुए हैं, जिनकी वीरता पूरे देश के लिए आदर्श हो सकती है। दुर्भाग्य यह है कि हमारी पाठ्य पुस्तकें उनके इतिहास को न केवल उपेक्षित करती हैं, बल्कि उन्होंने जिन्हें पराजित किया, ऐसे कमजोर शासकों को देश के राजा के रूप में चित्रित करती हैं। ऐसे विपरीत चित्र को बनाने में जिन्हें लज्जा नहीं आती, उन्हें प्रतिष्ठित इतिहासकार भी कहा जाता है।

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लेख के पहले भाग में आपने “देवों” तथा “असुरों” के बीच का मूल अंतर, तथा भगवान् विष्णु के वराह अवतार (सूअर) (Varah Avatar) के बारे में जानकारी प्राप्त की थी (पहले भाग को पढने के लिए यहाँ क्लिक करें), इस दूसरे और अंतिम भाग में आप समझ जाएँगे कि आतंकवाद (Islamic Terror in India) और लव जेहाद (Love Jihad) का नाश करने में सूअर कितनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है... आगे पढ़िए...

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पिछले भाग में आपने पढ़ा कि किस तरह इस्लामी आक्रान्ताओं ने औरतों को बंधक बनाकर, उनके साथ बलात्कार करके तथा एक समुदाय विशेष के लोगों के समक्ष उन ऐशगाहों में स्थित शौचालयों (Toilet System) की सफाई करने अथवा धर्म परिवर्तन करने हेतु दबाव बनाया गया. (पिछला भाग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें...). इसी इतिहास से जुड़े कुछ और सवाल ऐसे हैं, जो सहज स्वरूप में ही उठते हैं, उन पर भी विचार किया जाना आवश्यक है.

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भारत के फर्जी इतिहासकारों ने अभी तक आपको हमेशा मुगलों (यानी बाहरी आक्रान्ताओं) के तमाम रोमांटिक किस्से ही सुनाए हैं. मुग़ल शासकों के अत्याचारों, हत्याकांडों और बलात्कारों को तो इन कथित इतिहासकारों ने छिपाया ही...

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