यह उल्लेखनीय है कि सिक्ख इतिहास के मूल स्रोतों में यही बताया गया है कि श्री हरिमन्दिर की नींव स्वयं श्रीगुरु अर्जुनदेव ने अपने कर-कमलों से रक्खी थी। बहुत बाद में यह बात उड़ा दी गई कि यह नींव श्री पंचम गुरु जी ने नहीं बल्कि मुसलमान पीर-फ़क़ीर या दरवेश शेख मुहम्मद मियां मीर ने रक्खी थी। वस्तुत: इस उत्तरवर्ती उड़ाई बात में कोई सार नहीं है। यहां यह विचारणीय है कि मियां मीर द्वारा श्री हरिमन्दिर की नींव रखने की इस निराधार और झूठी बात को किसने पहले-पहल तूल देकर उड़ाया।

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