desiCNN - Items filtered by date: सितम्बर 2015

किसी भी समाज में विचार बरसों बरस के लिए कैसे स्थापित होते हैं इसको समझना है तो भारत में वामपंथ को समझिए , आज गंभीर "राष्ट्रवादियों" का एक बहुत बड़ा तबका वामपंथियों को कोसने में अपना समय खर्च करता है , क्यों ? क्या वामपंथी एक दो राज्य छोड़कर कहीं सत्ता में हैं ? क्या उनका कोई व्यापक जनाधार है ? क्या उनका काडर बेस है ? क्या यूवा उनके विचार की तरफ तरफ आकर्षित हैं ? नहीं , सबका जवाब नहीं में ही आएगा , ऐसा कुछ भी नहीं है फिर भी देश के केंद्र में और आधे राज्यों में राज करने वाली विचारधारा के लोग वामपंथ से भयाक्रांत हैं ? क्यों ?

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हाल ही में केन्द्र सरकार ने विभिन्न संगठनों की माँग पर 2011 की जनगणना के धर्म संबंधी आँकड़े आधिकारिक रूप से उजागर किए हैं. जैसे ही यह आँकड़े सामने आए, उसके बाद से ही देश के भिन्न-भिन्न वर्गों सहित मीडिया और बुद्धिजीवियों में बहस छिड़ गई है. हिन्दू धार्मिक संगठन इन प्रकाशित आँकड़ों को गलत या विवादित बता रहे हैं, क्योंकि आने वाले भविष्य में इन्हीं का अस्तित्त्व दाँव पर लगने जा रहा है.

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शुक्रवार, 04 सितम्बर 2015 17:59

FTII पुणे और वामपंथी गिरोह के कारनामे

हाल ही में आई किसी नई फिल्म में एक संवाद था कि, “वो करें तो चमत्कार, और हम करें तो बलात्कार”. शिक्षा संस्थाओं के “भगवाकरण” और अन्य संस्थाओं को दक्षिणपंथी बनाने का आरोप ठीक ऐसा ही है जैसे कोई बलात्कारी व्यक्ति खुद को संत घोषित करते हुए सामने वाले पर चोरी का आरोप मढ़ने की कोशिश करे. मोदी सरकार द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग करते हुए जनता के धन से चलने वाली इस संस्था का प्रमुख नियुक्त करने को लेकर जैसा फूहड़ आंदोलन किया जा रहा है, वह इसी मानसिकता का नतीजा है.

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