तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव द्वारा तिरुपति मंदिर में पाँच करोड़ का “सरकारी” दान दिए जाने के बाद जैसी कि अपेक्षा थी, सेकुलर और कथित प्रगतिशीलों की बिलकुल वैसी ही प्रतिक्रिया आई है.
दक्षिण भारत के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के मुँह में पानी लाने वाले लड्डू को खिलाने पर मंदिर ट्रस्ट को 140 करोड़ का प्रतिवर्ष नुक्सान हो रहा है. पिछले तीन वर्ष में यह नुक्सान बढ़ता ही जा रहा है,
आजकल पश्चिमी शिक्षा एवं वामपंथी दुष्प्रचार तथा सेकुलर ब्रेनवॉश के कारण हिन्दू धर्म, संस्कृति एवं संतों के खिलाफ बोलना व उनकी खिल्ली उड़ाना आम बात हो गई है. सामान्यतः कोई भी हिन्दू ऐसी मूर्खतापूर्ण बातों पर जल्दी उत्तेजित नहीं होता, परन्तु धीरे-धीरे यह प्रमाण बढ़ता ही जा रहा है.