“प्रसिद्ध बुद्धिजीवी” का करियर अपनाना हो या NDTV, CNN-IBN में नौकरी चाहिये हो?… यह बहुमूल्य टिप्स लीजिये…
Written by Super User गुरुवार, 16 अक्टूबर 2008 15:47
Become Secular Intellectual & Get Job in NDTV, CNN-IBN
मेरा भारत महान है इसमें कोई शक नहीं है, हाल के दिनों में तो यह और भी ज्यादा महान होता जा रहा है, क्योंकि यहाँ एक खास किस्म के बुद्धिजीवियों की “खरपतवार” उग आई है, ये महान बुद्धिजीवी (जिनमें से कुछ पत्रकार भी कहलाते हैं), विभिन्न चैनलों पर अपनी अमूल्य राय मुफ़्त में देते फ़िरते हैं, अखबारों में लेख लिखते हैं, सरकारों से पद्म पुरस्कार पाते हैं… यानी कि इनकी महिमा अपरम्पार है… यदि आप अभी युवा हैं और NDTV या फ़िर CNN-IBN जैसे चैनलों में नौकरी पाना चाहते हैं या फ़िर यदि आप एक “खास कैटेगरी” के बुद्धिजीवी का “चमकदार कैरियर” बनाना चाहते हैं तो ये टिप्स नोट कर लीजिये… आपके बहुत काम आयेंगे…
1) यदि आप हिन्दू हैं तो आप हिन्दुओं, हिन्दू धर्म और सनातन धर्म की अधिक से अधिक आलोचना करें। आपकी शैक्षणिक योग्यता, बुद्धिमानी, आपकी वर्तमान पोजीशन आदि कोई मायने नहीं रखता, बस आपको हिन्दुओं के खिलाफ़ लगातार, अबाध गति से बोलते जाना है।
2) भारतीय संस्कृति, भारतीय पुरातत्व और सांस्कृतिक गौरव को हमेशा हीन निगाह से देखें और उसे नीचा दिखाने की कोशिश करते रहें। अकबर जैसे दारूकुट्टे और औरंगजेब जैसे लुटेरे को भारत का नीति-नियन्ता बतायें तो और भी अच्छा रहेगा।
3) हिन्दू धर्म, पुरातन हिन्दू मान्यताओं, भगवा रंग, ओम्, मन्दिर, ब्राह्मण और पुजारियों की जमकर खिल्ली उड़ायें। आपको यह दर्शाना आना चाहिये कि सिर्फ़ आप ही हैं जो हिन्दू धर्म की बेहतरीन आलोचना कर सकते हैं।
4) दूसरे अन्य धर्मों की सिर्फ़ अच्छी-अच्छी बातें ही मीडिया को बतायें और हिन्दू धर्म की सतत आलोचना करते रहें। यदि आरएसएस और भाजपा, 2+2=4 बताये तो आप उसे 5 बताईये।
5) कभी भी भारतीय ग्रन्थों से किसी भी बात का उद्धरण (Quote) न दें, न सुनें, क्योंकि आपके मुताबिक तमाम भारतीय पुरातन ग्रन्थ एकदम घटिया और अवैज्ञानिक होने चाहिये। हमेशा पश्चिम की पुस्तकों, विचारकों, चीन के क्रान्तिकारियों और ईराक के नेताओं के वचनों का ही उद्धरण और उदाहरण पेश करें। यदि मजबूरी में भारत का ही कोई उद्धरण पेश करना पड़े, तो सिर्फ़ नेहरू और गाँधी परिवार द्वारा कही बातें ही पेश करें (उसमें से भी “जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है” जैसे वाक्य चुपचाप गोल कर जायें)।
6) अधिक से अधिक हिन्दू विरोधी बुद्धिजीवियों जैसे रोमिला थापर, माइकल विट्जेल, कांचा इल्लैया आदि की पुस्तकें पढ़ें और उसमें से छाँटकर उद्धरण पेश करें।
7) कभी भी भारत के भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य की तारीफ़ें न करें, हमेशा यह दर्शाने की कोशिश करें कि भारतीय रूढियों के कारण ही यह देश सदियों तक गुलाम बना रहा। जहाँ तक हो सके तो भारतीय उत्थान की कहानियाँ अंग्रेजों से शुरु करें, या अधिक से अधिक मुगलकाल से… लेकिन उसके पहले के इतिहास को कूड़ा-करकट बतायें।
8) हमेशा विदेशी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को ही महान बतायें, हो सके तो कम्युनिस्ट देशों के। जबकि भारतीय वेदों, आयुर्वेद, आदि की आलोचना करें।
9) यदि कोई हिन्दू-विरोधी हस्ताक्षर अभियान चल रहा है, तो प्रेस के कैमरों के सामने उस पर हस्ताक्षर अवश्य करें।
10) मदर टेरेसा, ईमाम बुखारी, और सेंट जेवियर फ़्रांसिस आदि के बारे में मीठी-मीठी बातें बतायें (भले ही फ़्रांसिस ने गोआ में 480 मन्दिर ढहाये हों और हजारों हिन्दुओं का धर्मान्तरण करवाया हो)।

11) हमेशा यह आभास होना चाहिये कि आपको सब कुछ मालूम है, आप सारी दुनिया के मुद्दों के बारे में जानते हैं, चाहे वह इराक हो, ह्यूस्टन हो, कोरिया हो, लंका हो, मिजोरम हो, फ़िलीस्तीन हो, कुछ भी हो बस आपको बोलना है। सिर्फ़ कश्मीर, असम और नागालैण्ड के बारे में कोई नकारात्मक बात मुँह से न निकल जाये इसका ध्यान रखना होगा।
12) कश्मीर और नागालैण्ड में हमेशा भारतीय सेनाओं और पुलिस की ज्यादतियों के बारे में जोर-जोर से चिल्लाईये।
13) यदि कभी “अल्पसंख्यक आतंकवाद” के बारे में बोलना भी पड़ जाये तो उसके लिये “हिन्दू आतंकवाद” को दोषी बतायें।
14) जब आप किसी ईसाई संस्था में भाषण दें तो यह कहें कि आप अगले जन्म में ईसाई बनना चाहते हैं, और जब किसी मुस्लिम जलसे में बोलें तो कहें कि आप अगले जन्म में मुस्लिम बनना चाहते हैं, साथ में यह भी जोड़ दें कि वेद और उपनिषद् तो कुरान और बाईबल का ही एक अंश हैं।
15) हिन्दुओं के बड़े समारोहों और उत्सवों की आलोचना करें और हिन्दुत्व के बारे में अनाप-शनाप बकते रहें (आपका कुछ नहीं बिगड़ने वाला)। भगवान राम को काल्पनिक और रामसेतु को मनगढ़न्त बतायें…
16) यदि आप कोई पुस्तक लिखना चाहते हैं तो सबसे पहले हिन्दू-विरोधी, उनकी परम्परा विरोधी पुस्तक लिखें… आपको मार्केटिंग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और पुस्तक हाथों-हाथ बिकेगी।
17) यदि आप JNU या Jamia से पढ़ाई करके निकले हुए हैं, फ़िर तो आप समझिये कि खुद-ब-खुद स्थापित हो जायेंगे, क्योंकि तब “सेकुलर” शब्द आपके माथे पर ही लिखा पाया जायेगा।
18) जब भी कोई पुलिस मुठभेड़ हो, तुरन्त सबसे पहले तो उसे नकली बताईये, फ़िर उस पर जमकर हल्ला मचाईये…। अफ़ज़ल गुरु की रिहाई के लिये हस्ताक्षर अभियान चलाईये, मोमबत्तियाँ भी जलाईये…। भले ही कश्मीर में लाखों हिन्दू मरते रहें, आप सिर्फ़ फ़िलीस्तीन का राग अलापिये…
19) यदि आप महिला हैं तो माथे पर कम से कम पचास पैसे बराबर की बिन्दी लगाईये, यौन-शिक्षा की वकालत कीजिये, लिव-इन रिलेशनशिप, समलैंगिकता आदि का भी जोरदार समर्थन करें, साथ ही वाघा सीमा पर मोमबत्तियाँ भी जलाईये…
20) हमेशा बाल ठाकरे, नरेन्द्र मोदी को गिरफ़्तार करने की माँग करते रहिये, भले ही इमाम बुखारी के खिलाफ़ कई गैर-जमानती वारंट धूल खाते पड़े हों… हज सब्सिडी पर अपनी माँग बढ़ाते जाईये, और मन्दिरों-मठों के सरकारीकरण के लिये लॉबी बनाईये…
21) यदि किसी हिन्दू-विरोधी प्रदर्शनी पर हमला होता है तो उसे बजरंगियों की करतूत बताईये और लोकतन्त्र की दुहाई दीजिये, लेकिन कभी भी एमएफ़ हुसैन की आलोचना मत कीजिये, उन्हें सिर्फ़ महान बताईये। हमेशा हिन्दुओ के विरोध को “अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता” बताईये, लेकिन तसलीमा नसरीन को भारत मत आने दीजिये (वह सेकुलरिज़्म के लिये बहुत बड़ा खतरा है)। अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर जमाने भर के नुक्कड़ नाटक खेलिये, लेकिन सलमान रशदी की पुस्तक और ईसाईयों की पोल खोलने वाली “द विंसी कोड” फ़िल्म को भारत में प्रतिबन्धित करवा दीजिये।
22) अब्दुल करीम तेलगी, दाऊद इब्राहीम, अफ़ज़ल गुरु, अबू सलेम, परवेज मुशर्रफ़ आदि को महिमामंडित करने की और इन्हें बेगुनाह साबित करने की कोशिश कीजिये और इनकी तारीफ़ों के पुल बाँधिये…लेकिन शंकराचार्य को तत्काल अपराधी घोषित कर दें।
23) अरुंधती रॉय जैसे लेखकों के करीब रहने और उनकी चमचागिरी करने का सतत प्रयास करते रहें… बांग्लादेशी घुसपैठियों को मज़लूम, मजबूर… और हो सके तो अपना छोटा भाई कहें। संभव हो तो कश्मीर जाकर किसी आतंकवादी की मय्यत में शामिल हो जायें और कैमरे पर दिखाई दें…
तो भाईयों अब लिस्ट लम्बी होती जा रही है, आप तो संक्षेप में समझ लीजिये कि यदि आपको “सेकुलर बुद्धिजीवी”, “इंटेलेक्चुअल” कहलवाना है, दिखाई देना है, NDTV और CNN-IBN जैसे महान चैनलों पर बहस में हिस्सा लेना है तो आपको इन उपायों पर अमल करना ही होगा… फ़िर देखियेगा, कैसे धड़ाधड़ आप इन चैनलों की बहस में, सेमिनारों, मीटिंग, उद्घाटन समारोहों आदि में बुलाये जायेंगे, तमाम अखबारों के लाड़ले बन जायेंगे, आप विभिन्न पुरस्कारों के लायक बन जायेंगे। यदि आप ज्यादा “उँचे लेवल” तक चले गये तो आपको पद्मभूषण जैसे पुरस्कार, और भी ज्यादा उँचे चले गये तो मेगसायसाय और बुकर पुरस्कार तक मिल सकता है…
यदि आपको ऐसा लगता है कि एकाध “क्वालिफ़िकेशन” छूट गई है, तो आप टिप्पणी में जोड़ सकते हैं…
और यदि आप यह सब नहीं कर पाते हैं तो आप साम्प्रदायिक, कट्टरतावादी, हिन्दुत्व के झंडाबरदार, संघ के समर्थक… आदि-आदि-आदि-आदि माने जायेंगे…
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मेरा भारत महान है इसमें कोई शक नहीं है, हाल के दिनों में तो यह और भी ज्यादा महान होता जा रहा है, क्योंकि यहाँ एक खास किस्म के बुद्धिजीवियों की “खरपतवार” उग आई है, ये महान बुद्धिजीवी (जिनमें से कुछ पत्रकार भी कहलाते हैं), विभिन्न चैनलों पर अपनी अमूल्य राय मुफ़्त में देते फ़िरते हैं, अखबारों में लेख लिखते हैं, सरकारों से पद्म पुरस्कार पाते हैं… यानी कि इनकी महिमा अपरम्पार है… यदि आप अभी युवा हैं और NDTV या फ़िर CNN-IBN जैसे चैनलों में नौकरी पाना चाहते हैं या फ़िर यदि आप एक “खास कैटेगरी” के बुद्धिजीवी का “चमकदार कैरियर” बनाना चाहते हैं तो ये टिप्स नोट कर लीजिये… आपके बहुत काम आयेंगे…
1) यदि आप हिन्दू हैं तो आप हिन्दुओं, हिन्दू धर्म और सनातन धर्म की अधिक से अधिक आलोचना करें। आपकी शैक्षणिक योग्यता, बुद्धिमानी, आपकी वर्तमान पोजीशन आदि कोई मायने नहीं रखता, बस आपको हिन्दुओं के खिलाफ़ लगातार, अबाध गति से बोलते जाना है।
2) भारतीय संस्कृति, भारतीय पुरातत्व और सांस्कृतिक गौरव को हमेशा हीन निगाह से देखें और उसे नीचा दिखाने की कोशिश करते रहें। अकबर जैसे दारूकुट्टे और औरंगजेब जैसे लुटेरे को भारत का नीति-नियन्ता बतायें तो और भी अच्छा रहेगा।
3) हिन्दू धर्म, पुरातन हिन्दू मान्यताओं, भगवा रंग, ओम्, मन्दिर, ब्राह्मण और पुजारियों की जमकर खिल्ली उड़ायें। आपको यह दर्शाना आना चाहिये कि सिर्फ़ आप ही हैं जो हिन्दू धर्म की बेहतरीन आलोचना कर सकते हैं।
4) दूसरे अन्य धर्मों की सिर्फ़ अच्छी-अच्छी बातें ही मीडिया को बतायें और हिन्दू धर्म की सतत आलोचना करते रहें। यदि आरएसएस और भाजपा, 2+2=4 बताये तो आप उसे 5 बताईये।
5) कभी भी भारतीय ग्रन्थों से किसी भी बात का उद्धरण (Quote) न दें, न सुनें, क्योंकि आपके मुताबिक तमाम भारतीय पुरातन ग्रन्थ एकदम घटिया और अवैज्ञानिक होने चाहिये। हमेशा पश्चिम की पुस्तकों, विचारकों, चीन के क्रान्तिकारियों और ईराक के नेताओं के वचनों का ही उद्धरण और उदाहरण पेश करें। यदि मजबूरी में भारत का ही कोई उद्धरण पेश करना पड़े, तो सिर्फ़ नेहरू और गाँधी परिवार द्वारा कही बातें ही पेश करें (उसमें से भी “जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है” जैसे वाक्य चुपचाप गोल कर जायें)।
6) अधिक से अधिक हिन्दू विरोधी बुद्धिजीवियों जैसे रोमिला थापर, माइकल विट्जेल, कांचा इल्लैया आदि की पुस्तकें पढ़ें और उसमें से छाँटकर उद्धरण पेश करें।
7) कभी भी भारत के भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य की तारीफ़ें न करें, हमेशा यह दर्शाने की कोशिश करें कि भारतीय रूढियों के कारण ही यह देश सदियों तक गुलाम बना रहा। जहाँ तक हो सके तो भारतीय उत्थान की कहानियाँ अंग्रेजों से शुरु करें, या अधिक से अधिक मुगलकाल से… लेकिन उसके पहले के इतिहास को कूड़ा-करकट बतायें।
8) हमेशा विदेशी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को ही महान बतायें, हो सके तो कम्युनिस्ट देशों के। जबकि भारतीय वेदों, आयुर्वेद, आदि की आलोचना करें।
9) यदि कोई हिन्दू-विरोधी हस्ताक्षर अभियान चल रहा है, तो प्रेस के कैमरों के सामने उस पर हस्ताक्षर अवश्य करें।
10) मदर टेरेसा, ईमाम बुखारी, और सेंट जेवियर फ़्रांसिस आदि के बारे में मीठी-मीठी बातें बतायें (भले ही फ़्रांसिस ने गोआ में 480 मन्दिर ढहाये हों और हजारों हिन्दुओं का धर्मान्तरण करवाया हो)।

11) हमेशा यह आभास होना चाहिये कि आपको सब कुछ मालूम है, आप सारी दुनिया के मुद्दों के बारे में जानते हैं, चाहे वह इराक हो, ह्यूस्टन हो, कोरिया हो, लंका हो, मिजोरम हो, फ़िलीस्तीन हो, कुछ भी हो बस आपको बोलना है। सिर्फ़ कश्मीर, असम और नागालैण्ड के बारे में कोई नकारात्मक बात मुँह से न निकल जाये इसका ध्यान रखना होगा।
12) कश्मीर और नागालैण्ड में हमेशा भारतीय सेनाओं और पुलिस की ज्यादतियों के बारे में जोर-जोर से चिल्लाईये।
13) यदि कभी “अल्पसंख्यक आतंकवाद” के बारे में बोलना भी पड़ जाये तो उसके लिये “हिन्दू आतंकवाद” को दोषी बतायें।
14) जब आप किसी ईसाई संस्था में भाषण दें तो यह कहें कि आप अगले जन्म में ईसाई बनना चाहते हैं, और जब किसी मुस्लिम जलसे में बोलें तो कहें कि आप अगले जन्म में मुस्लिम बनना चाहते हैं, साथ में यह भी जोड़ दें कि वेद और उपनिषद् तो कुरान और बाईबल का ही एक अंश हैं।
15) हिन्दुओं के बड़े समारोहों और उत्सवों की आलोचना करें और हिन्दुत्व के बारे में अनाप-शनाप बकते रहें (आपका कुछ नहीं बिगड़ने वाला)। भगवान राम को काल्पनिक और रामसेतु को मनगढ़न्त बतायें…
16) यदि आप कोई पुस्तक लिखना चाहते हैं तो सबसे पहले हिन्दू-विरोधी, उनकी परम्परा विरोधी पुस्तक लिखें… आपको मार्केटिंग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और पुस्तक हाथों-हाथ बिकेगी।
17) यदि आप JNU या Jamia से पढ़ाई करके निकले हुए हैं, फ़िर तो आप समझिये कि खुद-ब-खुद स्थापित हो जायेंगे, क्योंकि तब “सेकुलर” शब्द आपके माथे पर ही लिखा पाया जायेगा।
18) जब भी कोई पुलिस मुठभेड़ हो, तुरन्त सबसे पहले तो उसे नकली बताईये, फ़िर उस पर जमकर हल्ला मचाईये…। अफ़ज़ल गुरु की रिहाई के लिये हस्ताक्षर अभियान चलाईये, मोमबत्तियाँ भी जलाईये…। भले ही कश्मीर में लाखों हिन्दू मरते रहें, आप सिर्फ़ फ़िलीस्तीन का राग अलापिये…
19) यदि आप महिला हैं तो माथे पर कम से कम पचास पैसे बराबर की बिन्दी लगाईये, यौन-शिक्षा की वकालत कीजिये, लिव-इन रिलेशनशिप, समलैंगिकता आदि का भी जोरदार समर्थन करें, साथ ही वाघा सीमा पर मोमबत्तियाँ भी जलाईये…
20) हमेशा बाल ठाकरे, नरेन्द्र मोदी को गिरफ़्तार करने की माँग करते रहिये, भले ही इमाम बुखारी के खिलाफ़ कई गैर-जमानती वारंट धूल खाते पड़े हों… हज सब्सिडी पर अपनी माँग बढ़ाते जाईये, और मन्दिरों-मठों के सरकारीकरण के लिये लॉबी बनाईये…
21) यदि किसी हिन्दू-विरोधी प्रदर्शनी पर हमला होता है तो उसे बजरंगियों की करतूत बताईये और लोकतन्त्र की दुहाई दीजिये, लेकिन कभी भी एमएफ़ हुसैन की आलोचना मत कीजिये, उन्हें सिर्फ़ महान बताईये। हमेशा हिन्दुओ के विरोध को “अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता” बताईये, लेकिन तसलीमा नसरीन को भारत मत आने दीजिये (वह सेकुलरिज़्म के लिये बहुत बड़ा खतरा है)। अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर जमाने भर के नुक्कड़ नाटक खेलिये, लेकिन सलमान रशदी की पुस्तक और ईसाईयों की पोल खोलने वाली “द विंसी कोड” फ़िल्म को भारत में प्रतिबन्धित करवा दीजिये।
22) अब्दुल करीम तेलगी, दाऊद इब्राहीम, अफ़ज़ल गुरु, अबू सलेम, परवेज मुशर्रफ़ आदि को महिमामंडित करने की और इन्हें बेगुनाह साबित करने की कोशिश कीजिये और इनकी तारीफ़ों के पुल बाँधिये…लेकिन शंकराचार्य को तत्काल अपराधी घोषित कर दें।
23) अरुंधती रॉय जैसे लेखकों के करीब रहने और उनकी चमचागिरी करने का सतत प्रयास करते रहें… बांग्लादेशी घुसपैठियों को मज़लूम, मजबूर… और हो सके तो अपना छोटा भाई कहें। संभव हो तो कश्मीर जाकर किसी आतंकवादी की मय्यत में शामिल हो जायें और कैमरे पर दिखाई दें…
तो भाईयों अब लिस्ट लम्बी होती जा रही है, आप तो संक्षेप में समझ लीजिये कि यदि आपको “सेकुलर बुद्धिजीवी”, “इंटेलेक्चुअल” कहलवाना है, दिखाई देना है, NDTV और CNN-IBN जैसे महान चैनलों पर बहस में हिस्सा लेना है तो आपको इन उपायों पर अमल करना ही होगा… फ़िर देखियेगा, कैसे धड़ाधड़ आप इन चैनलों की बहस में, सेमिनारों, मीटिंग, उद्घाटन समारोहों आदि में बुलाये जायेंगे, तमाम अखबारों के लाड़ले बन जायेंगे, आप विभिन्न पुरस्कारों के लायक बन जायेंगे। यदि आप ज्यादा “उँचे लेवल” तक चले गये तो आपको पद्मभूषण जैसे पुरस्कार, और भी ज्यादा उँचे चले गये तो मेगसायसाय और बुकर पुरस्कार तक मिल सकता है…
यदि आपको ऐसा लगता है कि एकाध “क्वालिफ़िकेशन” छूट गई है, तो आप टिप्पणी में जोड़ सकते हैं…
और यदि आप यह सब नहीं कर पाते हैं तो आप साम्प्रदायिक, कट्टरतावादी, हिन्दुत्व के झंडाबरदार, संघ के समर्थक… आदि-आदि-आदि-आदि माने जायेंगे…
Become a Secular Intellectual, Hindu Bashing, Muslim Praising, Christian and Church Praising, Get a Job in NDTV or CNN-IBN, Secularism and Congress, Narendra Modi and Bal Thakre, Arundhati Roy, Booker Prize, MF Hussain, Jamia Milia Islamia, JNU Delhi, सेकुलर बुद्धिजीवी बनें, हिन्दू आलोचना, मुस्लिम-ईसाई प्रशंसा, NDTV और CNN-IBN में नौकरी कैसे प्राप्त करें, नरेन्द्र मोदी और बाल ठाकरे, अरून्धती रॉय, बुकर पुरस्कार, एमएफ़ हुसैन, जामिया मिलिया इस्लामिया, जेएनयू नई दिल्ली, Blogging, Hindi Blogging, Hindi Blog and Hindi Typing, Hindi Blog History, Help for Hindi Blogging, Hindi Typing on Computers, Hindi Blog and Unicode
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