सेकुलरों और वामपंथियों के लिये एक खुशखबरी है… Kerala Terrorism Communists and Secularism
Written by Super User मंगलवार, 22 दिसम्बर 2009 13:38
केरल के अलप्पुझा से खबर आई है कि पकड़े गये आतंकवादी नज़ीर से नज़दीकी सम्बन्ध रखने, बंगलोर बम ब्लास्ट तथा तमिलनाडु में बस जलाये जाने के मामले की मुख्य आरोपी सूफ़िया मदनी (जो कि वामपंथियों के परम सहयोगी अर्थात कोयम्बटूर बम धमाकों के मुख्य आरोपी अब्दुल नासेर मदनी की पत्नी भी है) को सिर्फ़ एक दिन बाद ही जेल से अलप्पुझा के मेडिकल कॉलेज में शिफ़्ट कर दिया गया है। इस खास मेहमान के लिये केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष निर्देशों पर वह एसी कमरा खुलवाया गया है जिसमें मंत्रियों और विधायकों का इलाज किया जाता है (क्योंकि हो सकता है कल वह मंत्री भी बन जाये)। सामान्यतः अपराधियों को अस्पतालों में एक विशेष सेल में रखा जाता है, लेकिन चूंकि सूफ़िया ने “जेहाद” के प्रति अपनी प्रतिबद्धता ज़ाहिर कर दी है, इसलिये उसे विशेष 5 स्टार ट्रीटमेण्ट देना केरल सरकार की जिम्मेदारी बनती है।
केरल के गृहमंत्री के बेटे जो कि रात में NDF के सदस्य होते हैं और दिन में SFI के सामाजिक कार्यकर्ता होते हैं, सूफ़िया की देखभाल करने हेतु उनकी विशेष नियुक्ति की गई है, ज़ाहिर है कि मेडिकल कॉलेज के सुपरिन्टेण्डेण्ट की क्या औकात है कि इनके निर्देश मानने से इनकार कर दे। सूफ़िया को अस्पताल में तीन-तीन मोबाइल रखने की सुविधा प्रदान की गई है, और जब वह फ़ोन पर बात कर रही होती है तब डीन को भी कमरे के बाहर आधा घण्टा इन्तज़ार करना पड़ रहा है। हाल ही में “मदनी साहब” अपनी पत्नी से मिलने अस्पताल आये थे तो उनकी सुरक्षा के लिये 45 मिनट तक अस्पताल में आम आदमी का प्रवेश रोका गया और एक्सीडेण्ट में घायल एक युवक को अपना प्राथमिक इलाज करवाने के लिये बाहर एक घण्टा इन्तज़ार करना पड़ा…।
सोचा कि जल्दी से जल्दी यह खबर सेकुलरों और वामपंथियों को दे दूं, वे खुश हो जायेंगे कि उनका काम बराबर चल रहा है। सेकुलर इसलिये खुश होंगे कि सूफ़िया भी एक महिला है और साध्वी प्रज्ञा भी और दोनों को यथायोग्य ट्रीटमेंट मिल रहा है, जबकि वामपंथी इसलिये खुश हो जायेंगे कि जिस मुख्यमंत्री (शायद चूतियानन्दन या ऐसा ही कुछ नाम था) ने NSG कमाण्डो उन्नीकृष्णन के परिवार का अपमान किया था, वह मदनी की बीवी का बराबर खयाल रख रहा है…
बाकी हमारा-आपका क्या है, हम तो टैक्स देने और महंगाई झेलने के लिये ही पैदा हुए हैं, ताकि केरल का अस्पताल हो या मुम्बई की विशेष कसाब सेल… उनके AC में कोई खराबी न आने पाये…
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(इस खबर का सोर्स जानकर क्या करेंगे भाई, जिसे भरोसा हो वह मान ले, जिसे भरोसा न हो तो भाड़ खुली है शौक से जाये, मैं रोकने वाला नहीं)
केरल के गृहमंत्री के बेटे जो कि रात में NDF के सदस्य होते हैं और दिन में SFI के सामाजिक कार्यकर्ता होते हैं, सूफ़िया की देखभाल करने हेतु उनकी विशेष नियुक्ति की गई है, ज़ाहिर है कि मेडिकल कॉलेज के सुपरिन्टेण्डेण्ट की क्या औकात है कि इनके निर्देश मानने से इनकार कर दे। सूफ़िया को अस्पताल में तीन-तीन मोबाइल रखने की सुविधा प्रदान की गई है, और जब वह फ़ोन पर बात कर रही होती है तब डीन को भी कमरे के बाहर आधा घण्टा इन्तज़ार करना पड़ रहा है। हाल ही में “मदनी साहब” अपनी पत्नी से मिलने अस्पताल आये थे तो उनकी सुरक्षा के लिये 45 मिनट तक अस्पताल में आम आदमी का प्रवेश रोका गया और एक्सीडेण्ट में घायल एक युवक को अपना प्राथमिक इलाज करवाने के लिये बाहर एक घण्टा इन्तज़ार करना पड़ा…।
सोचा कि जल्दी से जल्दी यह खबर सेकुलरों और वामपंथियों को दे दूं, वे खुश हो जायेंगे कि उनका काम बराबर चल रहा है। सेकुलर इसलिये खुश होंगे कि सूफ़िया भी एक महिला है और साध्वी प्रज्ञा भी और दोनों को यथायोग्य ट्रीटमेंट मिल रहा है, जबकि वामपंथी इसलिये खुश हो जायेंगे कि जिस मुख्यमंत्री (शायद चूतियानन्दन या ऐसा ही कुछ नाम था) ने NSG कमाण्डो उन्नीकृष्णन के परिवार का अपमान किया था, वह मदनी की बीवी का बराबर खयाल रख रहा है…
बाकी हमारा-आपका क्या है, हम तो टैक्स देने और महंगाई झेलने के लिये ही पैदा हुए हैं, ताकि केरल का अस्पताल हो या मुम्बई की विशेष कसाब सेल… उनके AC में कोई खराबी न आने पाये…
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(इस खबर का सोर्स जानकर क्या करेंगे भाई, जिसे भरोसा हो वह मान ले, जिसे भरोसा न हो तो भाड़ खुली है शौक से जाये, मैं रोकने वाला नहीं)
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