Dr. Subramaniam Swami on 2G Scam, Arundhati Roy, Geelani and Robert Vadhera
Written by Super User मंगलवार, 04 अक्टूबर 2011 20:53
डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी का दोष, अरुंधती और गिलानियों से भी बड़ा है… (एक माइक्रो-पोस्ट)
जब तक डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी 2G घोटाले की परत-दर-परत उधेड़ते हुए द्रमुक के मंत्रियों को रगड़ते रहे, उन्हें जेल पहुँचाते रहे, तब तक कोई समस्या नहीं थी। जैसे ही RTI के जरिये डॉ स्वामी ने चिदम्बरम पर फ़ंदा कसना शुरु किया, कांग्रेस में बेचैनी बढ़ गई, दिग्विजय सिंह ने तत्काल डॉ स्वामी को ब्लैकमेलर का खिताब दे डाला। डॉ स्वामी पर जो ताज़ातरीन FIR "मढ़ी" गई है उसके पीछे असली कारण यह है कि उन्होंने "पवित्र परिवार" के "दामाद" को भी 2G घोटाले में लिप्त होने और सबूत पेश करने का दावा कर दिया… इसीलिए जुलाई में लिखे गये एक लेख के विरोध में FIR अब अक्टूबर में लिखी जा रही है। इस लेख को लेकर पहले तिलक नगर और दूसरी बार निजामुद्दीन थाने में FIR रजिस्टर करना खारिज किया जा चुका है… परन्तु अब चिदम्बरम के दबाव में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने केस दायर कर लिया है… । यानी जो लेख जुलाई-अगस्त में "भड़काऊ" नहीं था, अचानक अक्टूबर में हो गया?
बात साफ़ है कि डॉ स्वामी को अगली बार कोर्ट जाने से रोकने की भौण्डी कोशिशें हो रही हैं, क्योंकि सच्चा कांग्रेसी वही होता है, जो बड़ी से बड़ी और भद्दी गाली सहन कर सकता है, लेकिन "पवित्र परिवार"(?) के खिलाफ़ एक शब्द भी नहीं सुन सकता… जबकि डॉ स्वामी ने तो सीधे-सीधे उनके "कँवर साब" पर ही वार कर दिया है… ।
ज़ाहिर है कि "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" सिर्फ़ अरूंधती रॉय, बिनायक सेन, गिलानियों, यासीन मलिक, तीस्ता जावेद इत्यादियों के लिए आरक्षित रखी गई है… डॉ स्वामी के लिए नहीं है। अरे हाँ… दिग्गी राजा भी बाबा रामदेव के खिलाफ़ "गले में पत्थर बाँधकर डुबोने" की भाषा बोल सकते हैं, उन्हें भी सब कुछ माफ़ है। ज़ाहिर है कि हमारे देश में किसी को भी "ठग", "लुटेरा", "ब्लैकमेलर" कहा जा सकता है, दिल्ली में सरकार की नाक के नीचे सरेआम कश्मीर की आज़ादी की माँग की जा सकती है, नक्सलियों से सहानुभूति दर्शाई जा सकती है, माओवादियों और कश्मीरी पत्थर फ़ेकुओं को "भटके हुए नौजवान" चित्रित जा सकता है, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को खुल्लमखुल्ला लतियाते हुए अफ़ज़ल गूरू को बेगुनाह बनाने के लिए प्रचार किया जा सकता है… सब कुछ किया जा सकता है।
लेकिन… लेकिन… लेकिन… डॉ स्वामी का दोष इन सभी से ज्यादा बड़ा है, क्योंकि उन्होंने देश के सबसे बड़े "त्यागी", सबसे बड़े "बलिदानी", सबसे अधिक "ईमानदार", सबसे ज्यादा "उजले", पवित्र परिवार के दामाद का नाम ले लिया है, और उनकी वजह से आज कांग्रेस के कई मंत्री तिहाड़ की दहलीज पर भी खड़े हैं…, सो उन पर FIR दर्ज होनी ही है। ठीक वैसे ही, जैसे "कालेधन" का नाम लेते ही बाबा रामदेव को खदेड़ा गया और राजबाला को लाठियों से पीटकर मार डाला गया…
चलते-चलते एक तस्वीर और देखते जाईये…
=================
नोट :- कांग्रेस और भाजपा में यहाँ एक प्रमुख अन्तर स्पष्ट दिखाई देता है - पवित्र परिवार(?) के खिलाफ़ एक शब्द भी बोलने पर कांग्रेसी नेता उसी तरह बिलबिलाते-फ़ुफ़कारते हैं, मानो किसी साँप की पूँछ पर पैर रख दिया हो। दूसरी ओर यदि कोई कांग्रेसी या वामपंथी, हिन्दुत्व एवं हिन्दू धर्म के खिलाफ़ कुछ भी बोलें, RSS को कितना भी गरियाएं… उसका मुँहतोड़ जवाब देना तो दूर, भाजपा नेताओं की रगों में उबाल तक नहीं आता… विश्वास नहीं आता हो तो विभिन्न चैनलों पर चलने वाली बहस देख लीजिये, या दिग्गी राजा के संघ सम्बन्धी बयानों के जवाब में, अखबारों में भाजपाईयों के बयान पढ़ लीजिए।
Published in
ब्लॉग

Super User