अण्णा की रेलमपेल के बीच दो व्यक्तिगत संतुष्टियाँ…:- रक्तदान और नरेन्द्र मोदी…… Blood Donation, Narendra Modi, Anna Hajare, Janlokpal
Written by Super User गुरुवार, 18 अगस्त 2011 18:35
प्रतिवर्षानुसार इस बार भी 15
अगस्त को रक्तदान शिविर में भाग लिया एवं रक्तदान किया। पिछले कुछ वर्षों से 15
अगस्त एवं 26 जनवरी को वर्ष में दो बार रक्तदान का क्रम जारी है। 15 अगस्त को किया
गया रक्तदान कुल बीसवीं बार था। मेरा लक्ष्य 50 बार रक्तदान करने का है, तो
प्रतिवर्ष दो बार के हिसाब से भी गणना की जाए तो अभी मुझे 15 वर्ष और लगेंगे
(हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति वर्ष में चार बार रक्तदान कर
सकता है, परन्तु हमारे खानदान में “शुगर लॉबी” मजबूत है, इसलिए कहीं
दुर्भाग्यवश मुझे डायबिटीज़ हो गई तो यह क्रम समाप्त भी हो सकता है)। कई बार
व्यस्तताओं की वजह से अथवा रक्तदान कैम्प के दिन किसी आवश्यक कार्य आ जाने से इस
क्रम में विघ्न भी पड़ जाता है, परन्तु पिछले 3 वर्ष से मैंने साल में दो बार
रक्तदान का नियम पालन किया है। अभी मेरी आयु 47 वर्ष है, यानी रक्तदान की मेरी “हाफ़-सेंचुरी” का लक्ष्य 62 वर्ष की आयु में पूरा होगा। बहरहाल,
अभी बीसवीं बार रक्तदान करके एक व्यक्तिगत संतुष्टि हुई है, मित्रों की शुभकामनाओं
से रक्तदान की हाफ़ सेंचुरी भी निश्चित ही होगी।
दूसरी व्यक्तिगत संतुष्टि
मुझे इस बात से मिली कि भारत के सबसे यशस्वी मुख्यमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने
अपने आधिकारिक ब्लॉग में कश्मीर सम्बन्धी मेरी एक पोस्ट का मेरे नाम सहित ज़िक्र
किया। मुझे मेरे मित्रों ने मेल करके बताया कि मोदी जी ने 29 जुलाई की अपनी पोस्ट
में, मेरी गुलाम नबी फ़ई और कश्मीर के बुद्धिजीवी वाली पोस्ट (यहाँ देखें… Pseudo-Secular Intellectuals…) को अपने ब्लॉग पर जगह दी है, तो मैं चौंक
गया। नरेन्द्र मोदी जी की उस पोस्ट में तीन अन्य अंग्रेजी के लेखों का भी उल्लेख
है और तीनों ही एक से बढ़कर एक दिग्गज अंग्रेजी लेखक हैं, इतने बड़े-बड़े और प्रसिद्ध
नामों (सर्वश्री एस गुरुमूर्ति, बी रमन एवं कंचन गुप्ता) के बीच मेरा नाम देखकर
मुझे कुछ संकोच भी हुआ और खुशी भी… अतः मैंने मोदी जी को उनके व्यक्तिगत मेल आईडी
पर धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित कर दिया है। इतने प्रतिष्ठित और माननीय व्यक्ति द्वारा
मेरे ब्लॉग का नाम सहित उल्लेख करने पर इसे एक मेरी “विशेष उपलब्धि” तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन हाँ… निश्चित रूप
से एक व्यक्तिगत संतुष्टि तो है ही, कि मेरे ब्लॉग की बात “सही जगह पर” पहुँच रही है और बड़े-बड़े लोगों द्वारा पढ़ी जा
रही है। मेरे जैसे एक सामान्य से राष्ट्रवादी लेखक को और क्या चाहिए? (यहाँ देखें…
http://www.narendramodi.com/post/Real-face-of-the-pseudo-intellectual-preachers-of-India.aspx)
फ़िलहाल अण्णा आंदोलन की रेलमपेल, ढोल-ढमाके, हो-हल्ला
चहुँओर जारी है। जनलोकपाल बिल और “टीम अण्णा” के साथियों की
गतिविधियों के बारे में एक-दो पोस्ट लिख चुका हूँ अब फ़िलहाल इस मुद्दे पर कुछ नहीं
लिखने वाला, बस दूर बैठकर ठण्डे दिमाग से मीडिया की गतिविधियाँ, कांग्रेस के
रवैये-चालबाजियों और “टीम अण्णा” के विभिन्न
व्यक्तियों के क्रियाकलाप देखना है। जैसा कि पिछली पोस्ट में कह चुका हूँ, धूल-गुबार
बैठने का इंतज़ार कर रहा हूँ, तब तक परम पूजनीय “गाँधीवादी” अण्णा हजारे को सरकारी आश्रय और सुविधाओं के बीच मीडिया-इवेंट युक्त अनशन
करने दीजिये… देश का मीडिया भले ही महंगाई, बेरोज़गारी, आतंकवाद, नक्सलवाद, 2G, 3G, कलमाडी-राजा-राडिया-शीला,
नकली सेकुलरिज़्म, जेहाद इत्यादि समस्याओं को अण्णा के “मेले-ठेले वाले माहौल” में भुला चुका हो, हम कैसे भुला सकते हैं।
इसलिए अब अण्णा-अण्णा बहुत हुआ, फ़िलहाल अण्णा समर्थक “भ्रष्टाचार हटाओ” के अलावा कोई बात सुनने के मूड में नहीं हैं,
इसलिए अगली पोस्ट किसी अन्य प्रमुख विषय पर होगी…अण्णा का खयाल रखने के लिए बहुत
लोग हैं…। जनलोकपाल आंदोलन पर कोई पोस्ट अब 15 दिनों बाद ही लिखेंगे, उम्मीद है कि
तब तक अण्णा मंडली का तम्बू समेटा जा चुका होगा…
Published in
ब्लॉग

Super User