महारानी पदमिनी :- असली-नकली इतिहासकारों की नजरों से
राजस्थान के ऐसा राज्य है जिसमे बहुत सी रियासते थी जिनका आजादी के बाद भारत मे विलय हुवा था केवल जोधपुर को छोड़ दिया जाए तो बाकी किसी रियासत के मामले में ज्यादा आपत्ति नही आई थी क्यों?
बौद्धिक-सांस्कृतिक ब्रेनवॉश कैसे किया जाता है... : भाग १
भंसाली का संस्कृति अज्ञान, और पब्लिसिटी स्टंट...
संजय भंसाली के समर्थन आये लोग उसके विरोध को पूर्वाग्रह से किया हुआ बता रहे है और उसके समर्थन में दो तरह के तर्क दे रहे है। एक यह की लोगो ने पद्मावती की पठकथा बिना देखे विरोध कर रहे है और दूसरा संजय भंसाली भारत के एक श्रेष्ट निर्देशक है जो बड़ी फिल्म बनाने में सिद्धस्त है, इस लिए उनको पूरी स्वतंत्रता है कि वह अपनी कला की किसी भी तरीके से अभिव्यक्त करे। मैं यह पहले तो एक बात साफ़ कर दूँ की संजय भंसाली का पद्मावती को लेकर फिल्म बनाने का विरोध भारतियों ने किया है न की किसी विचारधारा के अंतर्गत यह हुआ है। यहां लोग यह भूल जाते है की जिस करणी सेना ने भंसाली को झापड़ मारा है वह सेक्युलर कांग्रेस समर्थित है, उसका बीजेपी से कोई मतलब भी नही है इसलिए राजनीति इसमें नही घुसेडनी चाहिए। अब चलिए मुद्दे पर आते है।