पूरे विश्व में शिया मुस्लिम मुहर्रम के दिन इमाम हुसैन की शहादत का शोक मानते हैं और ताजिया निकलते हैं। इमाम हुसैन और उनके साथियों की हत्या खलीफा यजीद प्रथम की सेना ने कर्बला के मैदान में करी थी। निश्चित रूप से इमाम हुसैन का बलिदान शिया मुसलमानों के लिए एक बहुत बड़ी घटना है जिसने प्रत्येक शिया को प्रभावित किया है। किन्तु विश्व के लिए ये एक सबसे बड़ा रहस्योद्धाटन होगा कि कर्बला के इसी युद्ध में 10 हिन्दू ब्राह्मणों ने भी इमाम हुसैन की ओर से खलीफा यजीद की सेना से युद्ध किया था। ये ब्राह्मण दत्त जाति के थे जिनहे मोहियाल भी कहा जाता है। उनमें स्वर्गीय राहिब दत्त और उनके सात बेटे भी थे। राहिब दत्त के सातों बेटों ने कर्बला के युद्ध में इमाम हुसैन के लिए लड़ते हुए वीरगति पाई थी।

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