देश में जब भी चुनावी मौसम आता है तो हमारे नेताओं की जुबान फिसलने में देर नहीं लगती । वह एक दूसरे पर हमला करते हुए कितने असंवैधानिक और निम्न स्तर पर उतर आते हैं ,इसका कोई अनुमान नहीं लगा सकता । इतना ही नहीं ,महिलाओं को लेकर भी इनकी जुबान इस स्तर तक फिसल जाती है कि कोई कल्पना भी नहीं कर सकता ।

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