शीर्षक पढ़कर आप चौंक गए होंगे ना? जी बिलकुल, लेकिन भारत की तथाकथित धर्मनिरपेक्ष अदालतों का यही सच है... चूँकि आरोपी ने रोजा रखा हुआ है इसलिए उसे 29 जून तक गिरफ्तार नहीं किया जाए. पूरा मामला कुछ यूँ है...

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