टेलीकॉम इन्जीनियर पिता और प्राथमिक शिक्षिका माता की एक संतान जो अपने मध्यमवर्गीय परिवेश में पला-बढ़ा. इसे बचपन से संगीत और गाने का शौक रहा लेकिन क्रिकेट भी उतना ही प्रिय था. एक बार एमसीसी (MCC Cricket) की टीम उसके स्कूल के विरुद्ध खेलने आई, तो उन्हें एक खिलाड़ी कम पड़ रहा था. 14 वर्ष के इस लड़के ने अपने स्कूल की टीम के खिलाफ एमसीसी की टीम से खेलते हुए शतक ठोंक दिया. पास ही स्थित मैल्डों क्लब में इस किशोर का औसत था 168 रन. इसके ईनाम के एवज में इस किशोर को उस क्लब की मानद आजीवन सदस्यता प्रदान की गई.

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