हमने अक्सर देखा-सुना और पढ़ा है कि आए दिन हमारे माननीय न्यायाधीश महोदय, किसी प्रशासनिक अधिकारी को लताड़ते रहते हैं कि उसने अपने कर्त्तव्य का पालन सही तरीके से नहीं किया. न्यायाधीश महोदय की भावनाबेन भी गाहे-बगाहे आहत होती रहती है और वे जब-तब न्यायालय की मानहानि (Contempt of Court) के मामलों में जब चाहे जहाँ चाहे किसी को भी रगड़ते रहते हैं.

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संजय दत्त को मिली सजा के विरोध में जिस तरह का बेतुका, तर्कहीन और भौंडा प्रदर्शन जारी है, उसे देखते हुए एक कानूनपसन्द व्यक्ति का चिंतित होना स्वाभाविक है । इस मुहिम को जिस तरह मीडिया हवा दे रहा है वह और भी खतरनाक है, क्योंकि मीडिया की सामाजिक जिम्मेदारी नेताओं से कहीं अधिक है, संजू बाबा ये कर रहे हैं, संजू बाबा ने वह किया, अब उन्होंने मुँह धोया, तब उन्होंने क्या खाया...इस सबसे आम जनता का क्या लेना-देना है ? संजय दत्त को सजा देने के विरोधियों के मुख्य तर्क इस प्रकार हैं -

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