desiCNN - Items filtered by date: जनवरी 2010
यदि कोई व्यक्ति किसी नाबालिग लड़की को भगाकर ले जाये और शादी कर ले तो उसे भारतीय कानून और संविधान के तहत सजा हो सकती है, ये सामान्य सी बात लगभग सभी जानते हैं, लेकिन अगर कोई मुसलमान, किसी नाबालिग हिन्दू लड़की को भगाकर “निकाह” कर ले तो यह जायज़ है… कोलकाता हाईकोर्ट ऐसा मानता है, जबकि मैं समझता था कि नाबालिग लड़की भगाना गैर-ज़मानती अपराध है।

टाइम्स अखबार में प्रकाशित एक खबर के अनुसार पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक 26 वर्षीय युवक सईरुल शेख को कोलकाता हाईकोर्ट ने अग्रिम ज़मानत दे दी है। सईरुल शेख के खिलाफ़ अनीता रॉय नामक 15 वर्षीय लड़की को बहला-फ़ुसलाकर भगा ले जाने और निकाह कर लेने का आरोप लगाया गया है। कोलकाता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के जस्टिस पिनाकीचन्द्र घोष और जस्टिस एसपी तालुकदार ने सईरुल शेख की ज़मानत याचिका पर उसके वकीलों जयमाला बागची और राजीबलोचन चक्रवर्ती ने दलील दी है कि चूंकि यह शादी(?) मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत की गई है अतः यह जायज़ है, और कोर्ट ने भी इस शादी को जायज़ मानते हुए शेख को अग्रिम ज़मानत प्रदान कर दी है। उधर अनीता रॉय की माँ ज्योत्सना ने बहरामपुर पुलिस थाने में उनकी नाबालिग बेटी के गुमशुदा होने की रिपोर्ट 14 अक्टूबर 2009 से दाखिल कर रखी है। खबर के लिये इधर चटका लगायें…

http://timesofindia.indiatimes.com/city/kolkata-/Youth-gets-bail-in-elopement-caseKolkata/articleshow/5345745.cms

कुछ प्रश्न उठते हैं… यदि किसी “सेकुलर ब्लॉगर” (यह भी एक श्रेणी है ब्लॉगरों की) के पास कोई जवाब हो तो दें…

1) क्या इससे यह साबित माना जाये कि कोई मुस्लिम लड़का यदि हिन्दू नाबालिग को भगाकर शादी (या निकाह जो भी हो) कर ले तब भारतीय कानून उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता? क्योंकि उनका अपना पर्सनल लॉ है।

2) क्या मुस्लिम निकाहनामे में नाबालिग से शादी करना गुनाह नहीं है?

3) एक देश में दो कानून कब तक चलेंगे?

4) सुना है कि देश में “महिला आयोग” नाम की एक चिड़िया है वो क्या कर रही है?

बहरहाल, जो भी हो तीस्ता सीतलवाड का मनपसन्द काम मिल गया है, उन्हें तत्काल कोलकाता जाकर उस लड़की को 14 अक्टूबर 2009 से ही बालिग साबित कर देना चाहिये, आखिर तीस्ता झूठे हलफ़नामे पेश करने में उस्ताद हैं। रही-सही कसर हाशमी, आज़मी, अरुंधती वगैरह मिलकर पूरी कर ही देंगे, यदि उस मुस्लिम युवक पर अन्याय(?) हुआ तो… है ना?

दूसरी खबर भी पढ़ ही लीजिये… फ़िर इकठ्ठा ही टिप्पणी कीजियेगा दोनों मुद्दों पर…

जैसा कि सभी जानते हैं केरल में पिछले 60 साल से या तो कांग्रेस का राज रहा है या कमीनिस्टों का। वहीं से एक केन्द्रीय मंत्री हैं ई अहमद नाम के, फ़िलहाल तो रेल राज्यमंत्री हैं और मुस्लिम लीग के कोटे से सुपर सेकुलर यूपीए सरकार में शामिल हैं (ये तो कहने की ज़रूरत ही नहीं है भाई, क्योंकि जब नाम ही मुस्लिम लीग हो, तो वह सेकुलर ही होगी, साम्प्रदायिकता तो उन नामों में होती है जिसमें “हिन्दू” शब्द हो)। खैर, बात हो रही थी ई अहमद साहब की… तमिलनाडु में एक राष्ट्रीय सेमिनार के उदघाटन के अवसर पर इन महाशय ने मंच पर सबके सामने दीप प्रज्जवलित करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उनके अनुसार यह “गैर-इस्लामिक” है।

इंडो-जापान चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के विशेष सेमिनार “स्टेटस ऑफ़ इन्फ़्रास्ट्रक्चर” का उदघाटन करने विशेष विमान से पहुँचे ई अहमद ने मंच पर उपस्थित सभी सम्माननीय अतिथियों को भौंचक्का और असहज कर दिया जब उन्होंने गैर-इस्लामिक कृत्य कहकर दीप प्रज्ज्वलित करने से इन्कार कर दिया। पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि “दीप प्रज्जवलित करना शरीयत के मुताबिक इस्लामिक सिद्धांतों के खिलाफ़ है”, IJCCI के अध्यक्ष एन कृष्णास्वामी ने मामले को “कृपया इसे मुद्दा बनाने की कोशिश न करें” कहकर रफ़ा-दफ़ा करने की घटिया कोशिश भी की।

कुछ समय पहले केरल में भी त्रिवेन्द्रम के एक सांस्कृतिक समारोह के दौरान सरकार में शामिल एक मंत्री पीके कुन्हालिकुट्टी (मुस्लिम लीग) ने मंच पर दीप प्रज्जवलित करने से मना कर दिया था, उस समय महान गायक केजे येसुदास ने विरोधस्वरूप मंच और कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योंकि यह उद्योग जगत की मीटिंग थी, येसुदास जैसी मर्दानगी किसी ने दिखाना उचित नहीं समझा (धंधे का सवाल था भई…)। तमिलनाडु के कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया (उन्हें भी तो “महारानी” से डर लगता है ना) कि एक केन्द्रीय मंत्री का यह शर्मनाक कृत्य एक प्रकार की कट्टरता और बर्बरता ही है… लेकिन जब चहुँओर “सेकुलरिज़्म” का बोलबाला हो तो ऐसे बयान बेकार साबित होते हैं। खबर का स्रोत यहाँ है… http://www.deccanchronicle.com/chennai/ahmed-refuses-light-lamp-028

तो मेरे सेकुलर भाईयों… सेकुलरिज़्म की जय, कांग्रेस की जय, कमीनिस्टों (सॉरी कम्युनिस्टों) की जय, महारानी की जय, भोंदू युवराज (क्योंकि उन्हें पता ही नहीं है कि ऐसे मामलों पर क्या बोलना चाहिये) की भी जय…। इन लोगों की जय बोलना आवश्यक है भाई… क्योंकि आने वाले कई सालों तक ये हम पर राज करने वाले हैं… छाती पर मूंग दलने वाले हैं…।

मैं इस प्रकार की खबरें अपने ब्लॉग पर हिन्दुत्ववादियों के लिये नहीं देता हूं… हम तो पहले से ही बहुत कुछ जानते हैं…कि "सेकुलरिज़्म" के नाम देश में क्या-क्या गन्दा खेल चल रहा है। ये खबरें तो सोये हुए मूर्ख हिन्दुओं के लिये तथा गद्दार सेकुलरों के लिये हैं कि “देख लो कहीं तुम्हारे आज के पाप कल की पीढ़ी के लिये विनाशकारी सिद्ध न हो जायें…”।

Pseudo-Secularism, Islamic Shariat Law, Personal Law, E.Ahmed, Muslim League Kerala, छद्म धर्मनिरपेक्षता, शरीयत कानून, इस्लामिक पर्सनल लॉ, ई अहमद, केरल मुस्लिम लीग, कांग्रेस, Blogging, Hindi Blogging, Hindi Blog and Hindi Typing, Hindi Blog History, Help for Hindi Blogging, Hindi Typing on Computers, Hindi Blog and Unicode
Published in ब्लॉग
पृष्ठ 2 का 2