desiCNN - Items filtered by date: जून 2007

शिवजी की नगरी उज्जैन में श्रावण के सोमवारों को भगवान महाकालेश्वर की सवारी निकलती है और अन्तिम सोमवार को बाबा महाकाल की विशाल और भव्य सवारी निकाली जाती है । ऐसी मान्यता है कि महाकाल बाबा श्रावण में अपने भक्तों और प्रजा का हालचाल जानने के नगर-भ्रमण करते हैं । उस शाही अन्तिम सवारी में विशाल जनसमुदाय उपस्थित होता है और दर्शनों का लाभ लेता है । शाही सवारी में सरकारी तौर पर और निजी तौर पर हजारों लोग अपने-अपने तरीके से सहयोग करते हैं ।

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पाठकगण शीर्षक देखकर चौंकेंगे, लेकिन यह एक हकीकत है कि धीरे-धीरे हम जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण के बाद अब प्रकाश प्रदूषण के भी शिकार हो रहे हैं । प्रकाश प्रदूषण क्या है ? आजकल बडे़ शहरों एवं महानगरों में सडकों, चौराहों एवं मुख्य सरकारी और व्यावसायिक इमारतों पर तेज रोशनी की जाती है, जिसका स्रोत या तो हेलोजन लैम्प, सोडियम वेपर लैम्प अथवा तेज नियोन लाईटें होती हैं ।

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रविवार, 24 जून 2007 16:19

पिता : घर का अस्तित्व

"माँ" घर का मंगल होती है तो पिता घर का "अस्तित्व" होता है, परन्तु इस अस्तित्व को क्या कभी हमनें सच में पूरी तरह समझा है ? पिता का अत्यधिक महत्व होने के बावजूद उनके बारे में अधिक बोला / लिखा नहीं जाता, क्यों ? कोई भी अध्यापक माँ के बारे में अधिक समय बोलता रहता है, संत-महात्माओं ने माँ का महत्व अधिक बखान किया है, देवी-देवताओं में भी "माँ" का गुणगान भरा पडा़ है, हमेशा अच्छी बातों को माँ की उपमा दी जाती है, पिता के बारे में कुछ खास नहीं बोला जाता ।

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शुक्रवार, 22 जून 2007 10:59

बरसात पर एक कालजयी गाना

देश के कुछ हिस्सों में बारिश ने अपनी खुश-आमदीद दर्ज करवा दी है, और कुछ में सौंधी खुशबुओं ने समाँ बाँधना शुरु कर दिया है । बरसात के मौसम पर हिन्दी फ़िल्मों मे दर्जनों गीत हैं, बारिश तो मानो गीतकारों के लिये एक "पार्टी" की तरह होती है, एक से बढकर एक गीत लिखे गये बरसात पर, लेकिन जब भी झूम कर बारिश होती है, यह गीत सबसे पहले जुबाँ पर आता है ।

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गुलजार और आर.डी.बर्मन की अदभुत जोडी़ ने हमें कई-कई मधुर गीत दिये हैं, उन्हीं में से यह एक गीत है । शब्दों में गुलजार की छाप स्पष्ट नजर आती है (उलझाव वाले शब्द जो ठहरे) और गीत की धुन पंचम दा ने बहुत ही उम्दा बनाई है । गीत की खासियत लता मंगेशकर के साथ भूपेन्द्र की आवाज है, लता के साथ भूपेन्द्र ने जितने भी गीत गाये हैं सभी के सभी कुछ खास ही हैं (जैसे "किनारा" फ़िल्म का "मेरी आवाज ही पहचान है" या "मौसम" का दिल ढूँढता है आदि), वही जादू इस गीत में भी बरकरार है, फ़िल्म है "परिचय"..

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बारह ज्योतिर्लिंगों में से सबसे बडे़ आकार वाले और महत्वपूर्ण "महाकालेश्वर" (Mahakal Temple, Ujjain) मन्दिर का ऑडिट सम्पन्न हुआ । यह ऑडिट सिंहस्थ-२००४ के बाद में मन्दिर को मिले दान और उसके रखरखाव के बारे में था । इसमें ऑडिट दल को कई चौंकाने वाली जानकारियाँ मिलीं, दान के पैसों और आभूषणों में भारी भ्रष्टाचार और हेराफ़ेरी हुई है ।

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शुक्रवार, 15 जून 2007 10:26

सोनिया की नई कठपुतली

आखिरकार इस महान देश को राष्ट्रपति पद का / की उम्मीदवार मिल ही गया, महीनों की खींचतान और घटिया राजनीति के बाद अन्ततः सोनिया गाँधी ने वामपंथियों को धता बताते हुए प्रतिभा पाटिल नामक एक और कठपुतली को उच्च पद पर आसीन करने का रास्ता साफ़ कर लिया है, दूसरी कठपुतली कौन है यह तो सभी जानते हैं ।

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(१) प्रोफ़ेसर पी.एन.ओक की मूल मराठी पुस्तक (जो कि इन्दिरा गाँधी द्वारा प्रतिबन्धित कर दी गई थी) की PDF फ़ाईल यहाँ क्लिक करके प्राप्त की जा सकती है (साईज 25 MB है) ।

(२) प्रोफ़ेसर पीएन ओक के सवालों का हिन्दी अनुवाद यहाँ पर उपलब्ध है ।

(३) लाल किले और ताजमहल सम्बन्धी तस्वीरों वाले प्रमाण स्टीफ़न नैप की साईट पर (यहाँ क्लिक करें) उपलब्ध हैं ।

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बुधवार, 13 जून 2007 16:31

ताजमहल पर जारी मूर्खता

ताजमहल को लेकर हमारे देश में एक मुहिम चलाई जा रही है, एसएमएस भेजो, ईमेल करो, रैली निकालो, तस्वीरें छपवाओ, अपीलें जारी करो, और भी ना जाने क्या-क्या । जिससे कि ताज को सात आश्चर्यों में शामिल करवाया जा सके । अव्वल तो यह शायद ही हो, और मान लो चलो ताज सात आश्चर्यों में आ भी गया, तो उससे क्या होगा ? समर्थक कहते हैं - इससे पर्यटन बढेगा, ताज के संरक्षण के लिये विदेशी मदद मिलेगी, देश का गौरव बढेगा... आदि-आदि...

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मंगलवार, 12 जून 2007 11:06

एक फ़ुसफ़ुसाता सा मधुर गीत...

यह गीत कुछ अलग हट कर है, क्योंकि इस गीत में संवादों की अधिकता तो है ही, लेकिन संगीत भी बहुत ही मद्धिम है और संवादों के अलावा जो गीत के बोल हैं वे भी लगभग बोलचाल के अन्दाज में ही हैं । यह गीत इतने धीमे स्वरों में गाया गया है कि आश्चर्य होता है कि इतने नीचे सुरों में भी रफ़ी साहब इतने सुरीले और मधुर कैसे हो सकते हैं (यही तो रफ़ी-लता की महानता है)। यह गीत एक तो कम बजता है और जब भी बजता है तो बहुत ध्यान से सुनना पडता है...।

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